योगिनी - 1

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योगिनी 1 कई बातें ऐसी थीं जो मीता के स्वभाव के प्रतिकूल थीं- उनमे से एक थी ब्राह्मवेला के पश्चात चारपाई तोड़ते रहना। अनुज से इस विषय में अनेक बार उससे बहस हुई थी और यदा कदा मानमनौव्वल से मिट जाने वाला अस्थाई किस्म का मनमुटाव भी हो गया था, परंतु सहरी की अजान अथवा मुर्गे की बांग सुन लेने के बाद मीता कभी बिस्तर पर नहीं लेटी थी। देर से सोने वाला अनुज उस समय गहरी नींद में होते हुए भी मीता के शरीर की उष्णता की कमी शिद्दत से महसूस करता था और मन मसोस कर रह जाता