समीक्षा - रागदरबारी - श्रीलाल शुक्ल

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मेरे अब तक के जीवन का सबसे कठिन उपन्यास श्रीलाल शुक्ल जी द्वारा लिखित "रागदरबारी" रहा है जो कि व्यंग्यात्मक शैली में लिखा गया है। कठिन इसलिए नहीं कि उसकी भाषा दुरूह क्लिष्ट एवं अपठनीय थी अथवा ये बहुत ज़्यादा घालमेल वाला, लंबा, नीरस एवं उबाऊ था। इस सबके विपरीत उपन्यास बहुत ही रोचक ढंग से लिखा गया है और पढ़ते वक्त मन को इतना ज़्यादा आनंदित करता है कि आप उसे और ध्यान से पढ़ने लगते हैं कि कहीं कुछ छूट ना जाए। इस उपन्यास को श्रीलाल शुक्ल जी ने 1964 के अंत में लिखना शुरू हुआ और 1967 में