सत्या - 20

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सत्या 20 महिलाओं का झुँड मुखिया के द्वार पर खड़ा था. मुखिया पूरे गुस्से में था. उसने चिल्लाकर कहा, “तुम्हारी काकी इसपर साईन नहीं करेगी. देखो ये पागलपन मत करो. इस अर्जी को सरकार कचरे का डब्बा में फेंक देगी.” सविता, “ठीक है न. फिर साईन करने में क्या दिक्कत है. कुछ तो होगा नहीं.” मुखिया और भी ज़ोर से भड़क गया, “ये सब बखेड़ा में तुम लोग हमको मत फंसाओ. हम बोल दिए न कि मेरा औरत साईन नहीं करेगी.” गोमती बड़बड़ाई, “मुखिया दादा तो अपने रोज शाम को पीता है. वो साईन नहीं करने देगा मालती बहन