विवेक और 41 मिनिट.......... तमिल लेखक राजेश कुमार हिन्दी अनुवादक एस. भाग्यम शर्मा संपादक रितु वर्मा अध्याय 2 विवेक को ऑफिस जाने के लिए अपने मारुति-जेन के अंदर बैठते ही विष्णु का सिर कम्पाउण्ड गेट के पास दिखाई दिया “गुड मॉर्निंग बॉस ” “आ रे........... ! तेरा बाइक कहाँ है...............?” “उसे बाइक मत बोलो बॉस उसे ‘बिजली का राजा’ बोलो........... उसका नाम रखे एक महीने हो गया ..........” “ठीक है............. बिजली का राजा कहाँ है.........?” “उसकी थोड़ी तबीयत खराब है बॉस कल रात को उसे ‘अपोलो’ में भर्ती करा दिया ” “क्या ! अपोलो में............?” “अपोलो ऑटो