इस दश्‍त में एक शहर था - 7

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इस दश्‍त में एक शहर था अमिताभ मिश्र (7) प्रजाखंड हुआ यूं था कि जब ब्रम्हचारी बाबा कन्नौज से इन्दौर एक बार जगह फाइनल कर के वापस लौटे तो जब वे आए फिर से वापस तो विश्‍वंभर दयाल यानि अपने छोटे भाई के लिए मय पूरे इंतजाम के साथ। सामान वगैरा तो था ही साथ में कुछ लोग भी थे जो काम करने वाले थे और एकाध साथी भी मसलन पांडे जी और वाजपेयी जी को ग्वालियर से बुलवा लिए। इन लोगों में पहलवान यानि बाडीगार्ड और खाना बनाने वाला तिवारी से लेकर नाई और एक ठो पंडित भी साथ