एक जिंदगी - दो चाहतें विनीता राहुरीकर अध्याय-31 दूसरे दिन तनु की नींद जल्दी खुल गयी। परम गहरी नींद में सोया था। रोज ऐसा होता था कि परम जल्दी उठ जाता था और तनु सोती रहती थी। तब जब भी तनु की आँख खुलती वह कमरे में अकेली होती। आज वो पहले जग गयी तो आँख खुलते ही सामने परम का चेहरा दिखाई दिया। तनु उसे देखती रहीं। उसके दिल को बड़ी खुशी और निश्चिंती महसूस हो रही थी। आज उसे समझ आया कि क्यों परम रात-रात भर जाग कर उसे देखता रहता है। सुबह मुँह अंधेरे आपकी आँख खुले