मुक्ता लगभग 25 वर्ष की थी और शहर के नामी कॉलेज में अंग्रेजी विभाग में लेक्चरर थी l विभाग में ज्यादातर लोग बड़ी उम्र के थे , इसलिए उसका मन अभी तक कॉलेज में रम नहीं पाया था । नए सत्र में कुछ नई नियुक्तियां हुईं थीं, उसी के चलते अनुभा ने अंग्रेजी विभाग में ज्वाइन किया था । चुस्त साड़ी, ढीला-सा जूड़ा, आंखों पर महंगा सा चश्मा और आत्मविश्वास से भरी चाल … सच में, अनुभा के व्यक्तित्व में आधुनिकता और शालीनता का अद्भुत सामंजस्य था । हमउम्र होने की वजह से कुछ ही दिनों में अनुभा और मुक्ता