आज वह पन्द्रह वर्ष के बाद मुझसे मिलने आया था---हाथों में मिठाई का डिब्बा था।जैसे ही मैंने ड्राईंग रूम में प्रवेश किया, वह उठकर खड़ा हो गया, मेरे चरण स्पर्श करने लगा---मैंने रोकना चाहा, लेकिन वह नहीं रूका,पूछा-" मैडम जी कहाँ हैं!" इतने में श्रीमतीजी भी आ गई, उसने उनके भी चरण स्पर्श किए और मिठाई का डिब्बा उन्हें थमा दिया। पन्द्रह बरस में वह कितना बदल सा गया था।सिर के बाल ऊपर से गायब हो चले थे,छितरा से गए थे---चेहरे पर झुर्रियों के निशान उभर आए थे,माथे पर सलवटें दिखाई देने लगी थी, आँखों के नीचे गहरा कालापन भी