जागरूकता के लिए खुद से पहल हो ! घर की व्यवस्था हमारी होती है और चॅूंकी हम वहॉं रहते हैं इसलिए उसकी साज सम्हाल में हम कोताही नही बरतते । किन्तु, ज्योंहि घर से बाहर हम कदम रखते है हमारी निगाह दूसरों की ओर उठ जाती है । हमारी नजरों में बाहर की सारी व्यवस्था के लिए ; साफ - सफाई के लिए सरकारी प्रक्रिया जिम्मेदार हो जाती है । सड़क हो, चौराहा हो, बाहर की नाली हो, किसी सार्वजनिक स्थान में होने वाला उत्सव हो, मेला हो, भोग भंडारा हो, भजन, जगराता हो, इन सबमें बस हमे वहॉं का