कमरा नंबर 103 सुधा ओम ढींगरा बार्नज़ हस्पताल के कमरा नम्बर 103 में प्रवेश करते ही, नर्सें टैरी और ऐमी पिंजरे से छूटे पक्षियों सी चहचहाने लगती हैं और यह कमरा उन्हें खुले आकाश सा लगता है। जहाँ वे अपनी बातों की ऊँची उड़ान भर सकती हैं। दोनों जानती हैं, बिस्तर पर पड़ी मिसेज़ वर्मा चिरनिद्रा में हैं और वे निस्संकोच हस्पताल की राजनीति, प्रबंधकों की बेईमानी, जो उन्होंने ईमानदारी के आँचल से ढकी हुई है, के किस्से, एक दूसरे के साथ साझा कर सकती हैं। किस रोगी के टेस्ट बार -बार करवा कर, हेल्थ इंशोरेंस का पैसा, हस्पताल को