ब्राह्मण की बेटी शरतचंद्र चट्टोपाध्याय प्रकरण - 9 ज्ञानदा ने कमरे में आकर एक बार भीतर से दरवाजा बन्द किया, तो फिर खोली ही नहीं। दासी और बूढ़ा ससुर विमूढ़ बनकर दोपहर तक बैठे रहे। वे अपनी बहू की इस आनाकानी का कारण समझ ही नहीं पाये। फिर भी, उन्हे इस तरह खाली लौट जाना अच्छा नहीं लगा। उन्होंने दरवाजे के बाहर से काफी गन्दी और अशोभनीय बातें भी कही, झूठ आरोप भी लगाये। ज्ञानदा ने सब कुछ सुना, किन्तु किसी भी बात का उत्तर न दिया। इतना ही नहीं, ज्ञानदा ने अपने रोने की आवाज भी बाहर नहीं आने