सिपाही

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कहानी: भुखिया मंदिर में उत्तराखंडी पंडित जी अपनी कुमाउनी हिंदी में आरती कर रहा था।लोग ताली बजाकर बजाकर साथ दे रहे थे।पहाड़ी की तलहटी में बसे गाँव सिहनगर में रोजाना की तरह शाम ढल रही थी।सब लोग खुश दिखाई देते थे।लेकिन सुगनाराम जाट कुछ ज्यादा ही खुश था।कपास की फसल अच्छी हुई थी।इस बार बैंक और बनिया दोनों का कर्जा उतर जाएगा यह सोचते सोचते कब खेत खत्म हुआ और कब मंदिर आ गया।मंदिर में आरती की आवाज सुनकर उसका मन हुआ कि वह हाथ मुँह धोकर अंदर जाए और थोड़ी देर बैठकर भगवान का भजन करे।कितने ही वर्ष हो