एक जिंदगी - दो चाहतें - 22

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एक जिंदगी - दो चाहतें विनीता राहुरीकर अध्याय-22 दूसरे दिन तय समय पर तनु के माता-पिता उनके घर आए। तनु ने दोपहर से किचन में लगकर उनकी पसंद का खाना बनाया, अरहर की खट्टी मीठी दाल, भरवां करेला। परम पूरा समय किचन में तनु के साथ उसकी मदद करवाता रहा। दोनों के आने से पहले तनु ने सारा काम पूरा कर लिया था। तनु के माता-पिता के स्वागत में परम और तनु बरामदे में ही खड़े थे। भरत भाई का ध्यान नेमप्लेट पर गया तनु परम गोस्वामी बेटी के रिश्ते और भविष्य की मजबूती और सुरक्षा के अहसास ने उनके