भगवान की भूल - 3

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भगवान की भूल प्रदीप श्रीवास्तव भाग-3 धीरे-धीरे मां अपने इस मकसद में कामयाब रहीं। मैं भी मां की बात समझ गई और ऐसा कुछ होने पर मां को ही बताती और उन्हीं के आंचल में मुंह छिपाकर रो लेती। कई बार मां समझाती तो कभी मुझे सीने से चिपका कर खुद ही फफ़क कर रो पड़ती थीं। मां की कठिनाई यहीं तक नहीं थी। तनाव बर्दाश्त न कर पाने के चलते पापा ने शराब को अपना लिया। पहले कभी-कभी फिर रोज पीना उनकी आदत बन गई। जब मैं जान समझ पाई कि वह शराब जैसी कोई चीज पीते हैं तब