सुमति वहां है और यहां पुनिश की हालत खराब हो रही है। पुलिस को कहीं पर भी कोई सुराग नहीं मिल रहा है। पुनिश इंस्पेक्टर के साथ बैठा हुआ था। मन ही मन वह सोचा रहा है,- कहां हो तुम सौम्या? इतना ढूंढा पर पता नहीं वह कम्बख्तों ने कहां तुम्हे छुपा रखा है? अगर तुम्हे कुछ हो गया तो मै उन सबको जिंदा नहीं छोडूंगा। वह इंस्पेक्टर से पूछता है कि अब कबतक हम राह देखे? मेरे खयाल से हमे ज्यादा फोर्स बुला लेनी चाहिए। इंस्पेक्टर- मै भी यही सोच रहा हूं और मैंने कमिश्नर साहब से बात भी