बड़ी बाई साब - 14

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पढ़ाई में अच्छी थी गौरी. क्लास में अव्वल तो नहीं, लेकिन तीसरे या चौथे नम्बर पर रहती थी हमेशा. सारे टीचर्स बहुत प्यार करते थे गौरी को. इतने धनाड्य परिवार की बेटी हो के भी घमंड नाममात्र को न था उसे. इतने लाड़-प्यार ने भी बिगाड़ा नहीं था गौरी को. ये शायद उसकी मां की मेहनत थी, जो उसके पांव, इतने बिगाड़ने वाले माहौल में भी ज़मीन पर रखे रहीं. आठवीं में पढ़ती थी, तभी से उसे लिखने का शौक हुआ. ये गुण जन्मजात रहा होगा, बस प्रस्फ़ुटित नहीं हो पाया था. यहां क्लास में उसकी पक्की सहेली थी रश्मि,