प्यार बनाम गणित

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एक खूबसूरत, चुस्त-दुरुस्त और कुछ कुछ सम्मिश्र संख्या जैसे दिखते लड़के को अपनी ओर घूरते देख घबरा गई। मेरे दिल के समुच्चय में एक नया अवयव दाखिल हुआ... और भावनाओं के फलन का प्रतिबिंब समुच्चय भी अपना सा जान पड़ा। ऐसा लगा कि दोनों ओर जिंदगी की अनंत श्रेणी में शायद सीमा बिंदु आ गया... पता चला कि उसका विषय भी गणित, तभी तो दिल के सामीप्य में प्यार का अंतराल दाखिल हुआ..!अब परिमेय सँख्यायों के समुच्चय में एक अपरिमेय अवयव घुसपैठ करने की कोशिश में था..जो रातों को नींद के बन्ध से मुक्त कर अपसारी अनुक्रम को