कचहरी - शांति की पुकार

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(1)शांति की पुकारये कविता गौतम बुद्ध द्वारा अपने शिष्य महाकाश्यप को बुद्धत्व की प्राप्ति की घटना पर आधारित है। ये घटना अपने आपमें इसलिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि गौतम बुद्ध ने बिना कुछ कहे हीं महाकश्यप को गयाब प्रदान कीट था।किसी मनोहर बाग में एक दिन ,किसी मनोहर भिक्षुक गाँव ,लिए हाथ में पुष्प मनोहर ,बुद्ध आ बैठे पीपल छाँव .सभा शांत थी , बाग़ शांत था ,चिड़ियाँ गीत सुनाती थीं .भौरें रुन झुन नृत्य दिखाते ,और कलियाँ मुस्काती थी .बुद्ध की वाणी को सुनने को ,सारे तत्पर भिक्षुक थे ,हवा शांत थी ,वृक्ष शांत सब,इस अवसर को उत्सुक थे .उत्सुक