बड़ी बाई साब - 12

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कभी डॉक्टर बनने का ख्वाब देखने वाली नीलू भी अब कुछ और कहां सोच पाती थी? उसे भी दिन रात अपनी शादी की ही चिन्ता रहने लगी थी . ऐसे में जब परिहार परिवार की ओर से खुद चल के रिश्ता आया तो नीलू समझ ही नहीं पाई कि उसे कैसा लग रहा है? खुश है या नाखुश? रिश्ता आने की तह में लड़के वालों की कमियां तलाशे या अहसानमंद हो जाये उनकी? और अन्तत: सीधी-सज्जन नीलू का मन उनका अहसानमंद हो गया, जिन्होंने ऐसे समय में रिश्ता भेजा था, जबकि घर में नीलू की शादी को लेकर एक अजब