एक जिंदगी - दो चाहतें - 15

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सैकड़ों मील दूर अहमदाबाद के नेहरू नगर की अपनी विशाल कोठी के शानदार कमरे के आरामदायक बिस्तर पर लेटी तनु बेचैनी से करवटें बदल रही थी। कुछ देर पहले परम से हुई बातें कभी एक सपने जैसी प्रतीत होती थी तो कभी दिल में एक अजीब हलचल पैदा कर देतीं। ना कहेगी तो शायद परम को खो देगी। फिर उनके बीच कभी सामान्य रिश्ता नहीं रह पायेगा। और हाँ कह देगी तो। तो वह फिर उम्र भर क्या बनकर रहेगी?