कक्षा ६ : मेरी उम्र तब लगभग ग्यारह वर्ष होगी।साल १९६५। ननिहाल पढ़ने गया था, कक्षा ६ में। पहले पहल घर से बाहर। जब बड़े भाई साहब छोड़ने गये थे तो खुश था लेकिन जब वे मुझे छोड़कर वापिस जा रहे थे, मेरी आँखें डबडबाने लगीं। अक्टूबर की छुट्टियों में घर आया था। तब बचपन में पढ़ने की रुचि कम ही हुआ करती थी। दस पास करना बड़ी उपलब्धि मानी जाती थी। गणित और अंग्रेजी बहुतों को फेल करने के कारण होते थे। छुट्टियाँ समाप्त हुयीं और ईजा (माँ) ने सामान तैयार कर रवाना कर दिया।बहुत बुरा