गूँगा होता घर

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मैं साइकिल समेत घर में घुसा। साइकिल की खड़खड़ाहट ने पूरे घर को मेरे आगमन की सूचना दे दी। वैसे सभी जानते थे कि हर शनिवार मैं घर आ जाता हूँ। रविवार की छुट्टी घर पर ही गुजारता हूँ। घर में सब अपने-अपने तरीके से व्यस्त थे। माँ पिछवाड़े बर्जन माँज रही थी। बाऊजी पलंग पर बैठे बेमतलब दीवारों को घर रहे थे। जग्गू हमेशा की तरह किताबों में डूबा था। शायद मेरी तरह फर्स्ट डिवीजन बनाना चाहता था।