चिंतन

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डर और संशय यदि है तो अभियान के पूरा होने की संभावना कम रहती है । संशय वर्तमान में जीने नही देता । संशय वर्तमान के सुख से वंचित कर देता है और भविष्य को भी भयावह बनाए रखता है । संशयात्मक वृत्ति के नकारात्मक परिणाम कितना दुःखी करते हैं इसे अपने साथ हुए एक वाकये से समझाना चाहॅूंगा । हुआ ऐसा कि हम कुछ मित्र लंबे सफर पर निकले, सफर दुर्गम स्थानों का था, जहॉं हुए भयानक हादसों के किस्से पढ़-पढ़ हमने वहॅां की बहुत सी जानकारी हासिल कर ली थी । सो वहॉं जाने से पहले ही हम