स्नेहा और राहुल डाकुओं से बच्चो कि रिहाई के लिए बहुत गिड़गिड़ाए पर उन डाकुओं ने उसकी एक न सुनी। अगर पीछा किया तो सबको गोली मारने कि धमकी भी दी। सब डर गए थे। डाकुओं ने सुमति, चिंटू और इवान को बंदी बनाकर अपने साथ कुछ देर पैदल चलाया फिर उनकी आंखो पर पट्टी बांध कर घोड़े पर बैठा दिया गया। चिंटू घोड़े के चलने से दिशा का अनुमान लगाना चाहता था पर बार बार रास्ते के घुमाव से उसे दिशा का पता नहीं चल रहा था। घोड़े पर उन सब के साथ एक एक डाकू बैठा हुआ था।