एक जिंदगी - दो चाहतें - 8

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केंप आ गया था। तनु की ओर बिना देखे परम जल्दी से अंदर चला गया। राणा, रजनीश, अमरकांत, कृष्णन सब के सब स्लीपिंग बैग्स पर औंधे पड़े थे। परम भी पाँच मिनट पीठ सीधी करने के लिये अपनी स्लीपिंग बैग पर लेट गया। 'ऐ मायला। लेटते ही परम के पूरे शरीर में टीस उठने लगी। 'आ गये बड्डी ईश्क लड़ाकर। राणा ने परम को आँख मारकर पूछा। 'साला कालू किस्मत का बड़ा धनी है। जो लड़की देखो साले पर मर मिटती है। रजनीश ने आह भरी।