मोबले का स्कूटर बिगड़ गया। सुबह-सुबह स्कूटर निकालकर चले ही थे कि मौलाना साहब के दरवाजे़ तक पहुँचते-पहुँचते वह ‘घुर्र-घुर्र’ करके बंद हो गया। स्कूटर अभी नया था। उसे ख़रीदे साल भर भी नहीं हुआ था। आमतौर पर वह एक किक में स्टार्ट हो जाता था, पर आज किक लगाते-लगाते मोबले हैरान हो गए ।