रोहन बहुत सुस्त इंसान था । उसके घरवालों को यही चिंता सताती थी कि रोहन भविष्य में कुछ नही कर पायेगा।। रोज़ सुबह उसी ताने से होती थी, " किस मनहूस घड़ी में ये लड़का हमारे घर मे पैदा हुआ , इसके सभी दोस्त आज ऊँचे ऊँचे पद पर नौकरी कर रहे हैं " हालात ऐसे थे कि घर के मुर्गों को भी अब बांग देने में शर्म आने लगी थी। सुबह के 10 बजे तक सोने वाला रोहन , नाश्ता कर फिर सोने की तैयारी में लग जाता था , ये बोलकर की " माँ थोड़ी देर में निकलता हूँ