(ऐक अकेली अबला, बेसहारा, बेबस ऐवम गरीब महिला का पाखंउी, जातिवादि, घोर साम्प्रदायिक संकीर्णतावाद से ग्रस्त समाज से संघर्ष की रोमाचक दास्तान । गरीबों के दुःख दर्द को अनसुना करने वाले समाज द्वारा एवं अपनी सुविधा के लिए बनाऐ गए भगवान के कभी भूलकर भी किसी गरीब कि सहायता न करने पर प्रश्न चिन्ह I गांवों की प्रष्ठभूमि में खेले जाने वाले नाटक, ह्रदयस्पर्शी कविताएं तथा 70 वर्ष पूर्व इ्रदौर के दुर्लभ द्रष्य I एक पागल की मनःस्थिति, बच्चो के मनोरंजक खेल, १९५० के दशक में तब के शहर में पहलवानों का वर्चस्व, हिन्दू मुस्लिम दंगे, जाति निष्कासन के घोर अपमान को झेलते समाज के सबसे गरीब तबकों की आवाज जिन्हें हिन्दू समाज के रुढिवादियो ने अन्य धर्म अपनाने को मजबूर कर दिया I रामायण व् वेदांत के सर्वश्रेष्ठ प्रसंग आदि)