कविताएं

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- शैलेन्द्र चौहान दया : दलित संदर्भ में सोचता रहा हूँ सारी रात औरों के द्वारा की गई दया के बारे में किस किस पिजन होल में रखी है कितनी और किस तरह की दया न जाने कितने दयालु देखे हैं मैने जीवन में और उनका कैसा-कैसा दान यह दया उन्होंने किसके लिए और क्यों की यह क्यों नहीं बताते साफ़-साफ़ टाटा समर्थ है देश और शासकों पर दया करने के लिए बिड़ला लक्ष्मी नारायण पर भारत के प्रधानमंत्री वणिकों, दलालों, अपराधियों पर प्रशानिक अफसर, पुलिस चोरों, लुटेरों, हत्यारों पर वल्र्डबैंक, आई एम एफ, ए