मेरी तूटी फूटी ग़ज़लें..!

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1. प्यार कब था..!आप के लिए प्यारके अलावा ही! सब था !हमारे लिए प्यारके अलावा कुछ कब था ?खुदा भी तुम और भगवान भी तुम ही थे !तुमको ही माना, ऊपर वाला कहाँ रब था ?क्या बताऊँ तुमको तुम क्या हो मेरे लिएबस यह जानो, जब तुम नहीं थे में शब था !जब न संसार था या न तो कोई इंसान था !कुछ नहीं था फिरभी तुं मेरे दिलमें तब था !अब ये जहाँ बन गया दुश्मन तेरा ओर मेरा !हैरान होना लाजमी है कहाँ कोई गजब था !*****2. क्या यही वो नशा है..!क्या यही वो नशा है जो सर