आखर चौरासी - 34

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गुरनाम और विक्की जब भी घर पर होते हैं, उनकी शामें बस स्टैण्ड पर बने यात्री पड़ाव वाली सीमेंट की बेंच पर शुरु होती हैं। उस शाम भी वे दोनों वहीं बैठे बातें कर रहे थे। उनकी बातें विक्की के इंजीनियरिंग कॉलेज और नये दोस्तों के बारे में थीं। विक्की बड़े उत्साह से बताए जा रहा था, ‘‘हमारे कॉलेज में नये छात्रों को मुर्गा और छात्राओं को मुर्गी कहा जाता है। जब तक मुर्गे-मुर्गियों के स्वागत में होने वाला कॉलेज का समारोह यानि कि ‘फ्रेशर्स नाईट’ नहीं हो जाता, वे सम्बोधन तब तक लागू रहते हैं। ’’