आखर चौरासी - 26

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हॉस्टल में राजकिशोर ने जब गुरनाम के कमरे पर लगा ताला देखा तो बड़े ज़ोर से चौंका। उसके अनुमान के अनुसार उस समय तो गुरनाम को अपने कमरे में ही होना चाहिए था। कुछ देर वहीं खड़े रहने के बाद वह मेस की ओर चल दिया, यह सोच कर कि गुरनाम शायद वहाँ हो। मगर उसे वहाँ भी निराशा ही हाथ लगी। गुरनाम को वहाँ नहीं होना था और न ही वह वहाँ था। तभी उसे टॉयलेट का ख्याल आया। लेकिन वहाँ भी झांक लेने के बाद उसे निराशा ही हाथ लगी। सब तरफ देख लेने के बाद वह एक बार फिर से गुरनाम के कमरे की ओर बढ़ा गया। मगर वहाँ पूर्ववत् लटक रहा ताला उसे एक बार फिर से स्वयं को मुँह चिढ़ता-सा महसूस हुआ।