आखर चौरासी - 21

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‘‘बाहर बड़ी देर लगा दी ?’’ भीतर घुसते ही उनकी पत्नी ने पूछा। ‘‘हाँ, वो सामने वाले अम्बिका बाबू बातें करने लग गए थे। नेताजी के बारे में कह रहे थे कि स्साले पहले लूटते हैं फिर सांत्वना देने आते हैं...।’’ हरनाम सिंह की बात को बीच में ही काट कर सतनाम बोला, ‘‘...तो पांण्डे अंकल, क्या गलत कहा रहे थे ? बिल्कुल ठीक बोल रहे थे। नेताजी के नौकर सुखना को अपनी दुकान से भरे बोरे निकाल कर सायकिल पर ढोते तो मैंने स्वयं छत पर से देखा था।’’ वह गुस्से से भरा बैठा था।