लाइफ़ @ ट्विस्ट एन्ड टर्न. कॉम - 13

  • 5.7k
  • 1.6k

रेलवे स्टेशन पर दोनों बहिनों ने कामिनी को अपनी बाँहों में घेर लिया। तीनों बहिनें भरे दिल से सिसक उठीं। यामिनी ने कामिनी के आँसु पोंछ दिये और उसका बैग उठाते हुये बोली, ``चलो घर चलते हैं। ``। दामिनी ने ने प्लेटफ़ॉर्म पर चलते हुए पूछा, ``देवेश जी नहीं आये ?`` ``हाँ, अचानक उन्हें कोचीन जाना पड़ गया। ``दोनों बहिनें सबको दिखाने के लिए ये कह रहीं थीं लेकिन मन ही मन समझतीं थीं कि क्यों वे अचानक कोचीन चले गए। कामिनी माफ़ी मांगने लगी, ``सॉरी !मेरा दिमाग़ ठिकाने नहीं रहता, मैं फ़ोन करके पहले बता भी सकती थी। `` ``कोई बात नहीं। ``