इंद्रधनुष सतरंगा - 10

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‘‘साहब, मेरा नाम बानी है। सोलह बरस की उम्र से यह काम कर रहा हूँ।’’ फेरीवाला कर्तार जी को बता रहा था। वह अधलेटे उसकी बात सुन रहे थे। ‘‘घर पर कौन-कौन है?’’ ‘‘पत्नी है। पाँच बच्चे हैं। एक बिटिया है। बस, उसके हाथ पीले करने की फिकर खाए रहती है। देखिए, ऊपरवाले की कृपा कब होती है। साहब, हम लोग तो ऊपरवाले के भरोसे ही जीते हैं।’’ फेरीवाला बताता जा रहा था और कनखियों से कर्तार जी पर उसका असर भी देखता जा रहा था।