आदमी और कुत्ता

  • 16.2k
  • 3.5k

वह बस से उतर कर उस आदमी से कुछ कदम की दूरी पर पीछे-पीछे चल पड़ी जिस आदमी का चेहरा वह घूंघट के कारण अभी तक ठीक से देख भी नहीं पाई थी । उसने थोड़-सा घूंघट उठाकर नज़रें चारों ओर दौड़ाई । रास्ता उसके गांव को ही जाता था । उसका गांव हाई-वे से तीन किलोमीटर अन्दर बसा है । गांव के अधिकतर लोग या तो मज़दूरी करने शहर जाते हैं या फिर परचूनी, हलवाई की दुकानों पर काम करते हैं । खेती के नाम पर बंजर भूमि में कभी-कभार मक्का, बाजरे की फसल हो जाती है । तभी तो उसका आदमी अपना देश और उसे छोड़ विदेश चला गया हे रोज़ी-रोटी कमाने । रह गये हैं उसकी झौंपड़ी में सिर्फ दो जीव- एक वह और एक उसकी बूढ़ी सास....जिसे आंखों से भी कम दिखार्इ्र देता है ।