आओ घर लौट चलो

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आज अचानक रष्मि की असामयिक मृत्यु का समाचार सुनकर वह हतप्रभ रह गया था । एक बार तो उसे अपने कानों पर विष्वास भी न हुआ था । रष्मि जो उसी के ऑफिस में उसके साथ काम करती थी । अभी कल ही तो उसने उसे जबरन बैठाकर चाय पिलाई थी । वह मन में अनजानी आषंका लिये सोच में डूबी चाय के घूंट भरती रही थी । तब वह उसके चेहरे पर झलकती परेषानियों और उदासी का कारण पूछ बैठा था । वह चाहकर भी कुछ नहीं कह पाई थी । बस होंठ फड़फड़ाकर रह गये थे उसके । फिर वह “थैंक्स” कहकर थके कदमों से जा बैठी थी अपनी सीट पर । उसे भी क्या पता था कि यह उसकी आखिरी मुलाक़ात है ।