1.ऐ जिंदगी आ तुझे कुछ इस तरह से, आजमाया जाए।।मैं जिन्दा भी रहूँ और, मर कर के दिखाया जाए।।वो मुझसे नाराज है, मालूम है मुझको।चल उसकी नाराजगी को, थोड़ा और बढ़ाया जाए।।वो नाराजगी में भी मुझे थोड़ा, सा भी दुख होने नहीं देेता ।।सोचता हूँ आज उसके प्यार, को थोड़ा आजमाया जाए।।ऐ ईश्वर मुझे कुछ, ऐसा भी आजमाया जाए।मैं भक्ति करूं तेरी और मुझे भक्त भी न बनाया जाए।।2.चलो ईश्क का पैगाम लिखते हैं, उन्हें उन्हीं का नाम लिखते हैं।वो मेरे हैं ये क्या लिखें, वो मेरे सिवा किसी के नहीं ये एहतराम लिखते हैं।।3.वो एक शक्स था