घर में उत्सव जैसा माहौल था सभी के चेहरों पर उत्साह झलक रहा था बड़की चाची. रामपुर वाली चाची, पचरूखिया वाली चाची, सभी दोगहा में जा कर द्वार पर बैठे युवक को झाँक-झाँक देख कर निहाल हो रहीं थीं
“अरे ! पीतो के त भाग जाग गईल, एतना नीक लईका कहाँ मीलित ” सभी की जुबान पर यही वाक्य था