सोशल मीडिया का हर तरफ बोलबाला है. इस इन्टरनेट युग मे हर तरफ ज्ञान तों जैसे प्रसाद की तरह बँट रहा है. लोगों के सोशल मीडिया प्रोफाईल देखिये तो लगता है कि हर आदमी कवि है, नेता है, शायर है, दार्शनिक है, वो सब है जो वह नही है. हर कोई प्रवचन देता फिर रहा है हर उस मुद्दे’ पर जिसके बारे मे उसे ठीक से पता भी न हो लेकिन क्या करे मज़बूरी है, सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहा है. समाज़ की सेवा करने की एक प्रबल इच्छा इन दिनो काफी प्रचलित है जैसे गरीबो मे साड़ियाँ, कम्बल.,