आमची मुम्बई - 33

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ब्राह्ममुहूर्त में यानी चार बजे से ही भूलेश्वर में फूलों से लदे ट्रक फूलों की दुकानों पर उँडलना शुरू हो जाते हैं हवाओं में भक्तों की आस्थाके स्वर मुखरित होते हैं और शंखनाद और घंटानाद राहगीरों को पलभर ठिठका देता है कारोबारी महानगरी के दक्षिण में सैंकड़ों सालों से बसा यह जो भूलेश्वर इलाका है यहाँ सौ से भी ज़्यादा मंदिर हैं और उससे भी कहीं अधिक भक्तों की भीड़ भूलेश्वर मंदिर में शंकरजी विराजमान हैं