डॉ दिवाकर

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डॉक्टर दिवाकर अब 80 साल के हो गए हैं पर आज भी अपनी क्लिनिक में 4 घण्टे बैठते हैं। वे बच्चों के डॉक्टर हैं ,उनके स्नेह और ममता भरे हाथों ने न जाने कितने नॉनिहालो की जान बचाई है । उन्हें बच्चों की बीमारी समझने में महारथ हासिल है । बच्चे, जो अपनी तकलीफ नही बता सकते ,वे बस रोते हैं ,खांसते हैं, उनकी वयाधि समझ कर उनका उपचार करना बहुत कठिन होता है । उनके नाजुक अंगों को कोई नुकसान न हो वे स्वस्थ्य हँसते,खिलखिलाते,चहकते रहे यही उनकी कोशिश रहती सचमुच बच्चे ऐसे ही अच्छे लगते हैं । डॉ