अधूरी ख्वाहिश

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वो बस दोस्त बनना चाहती थी और बन गई .. भगवान से जैसे उसे सब कुछ मिल गया.. एक मन माँगी मुराद जो पूरी हो गई...........कनक नाम है इसका.. एक आम सी लड़की,जिसकी ख्वाहिशें बहुत कम थी.. बहुत ज़्यादा कम!उसने हमेशा समझौता किया था अपने अरमानों से, या यह कहना चाहिए कि उसने अपनी ज़िंदगी की सबसे बड़ी ख्वाहिश से ही समझौता कर लिया था।मनन उसके कॉलेज में ही पढ़ता था। जिसे कनक दिल ही दिल में प्यार करती थी, पर कह नहीं पाई क्योंकि उसके लिए प्यार लफ्ज़ पर ही यकीन करना बहुत मुश्किल था।इसलिए नहीं कि कभी किसी