मन्दिर के चबूतरे पर मजलिस लगाने वाली महिलाओं को नयी जगह मिल गयी थी वो भी सालों से वर्जित स्थान. वर्जित फल खाने का मज़ा ही कुछ और होता है. महिलाएं अब हवेली के ढहे हुए हिस्सों का निरीक्षण भी करने लगीं थीं. महाराज कभी-कभार बोल के आशीर्वाद देने लगे थे अब. कभी न बोलने वाले महाराज जब किसी को ’सौभाग्यवती भव’ कहते तो उस औरत के चारों ओर सौभाग्य नाचने लगता . दूसरी औरतें ईर्ष्या से उसे देखतीं. किसी की ओर नज़र भी न उठा के देखने वाले महाराज को पूरे मोहल्ले के लोगों ने अघोषित चरित्र प्रमाण पत्र