बड़े भइया

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पूछताछ खिड़की पर यह पता चलते ही कि ट्रेन प्लेटफार्म नंबर- दो पर आ चुकी है, राकेश ने अपना सामान उठाया और लगभग दौड़ते हुए प्लेटफार्म नंबर – दो पर पहुंच गया टिकट जेब में ऊपर ही रखा था राकेश ने टिकट निकालकर देखा, कोच नंबर एस – पांच, सीट नंबर –पन्द्रह वह कोच नंबर एस- पांच की तरफ बढ़ा चढ़ने और उतरने वाले एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करते हुए से दिख रहे हैं यद्यपि इस स्टेशन पर ट्रेन बीस मिनट रुकती है, लेकिन यदि भीड़ को धकियाते हुए चढ़ा उतरा न जाये तो भला कैसा सफर ! चाय, समोसा वडा बेचने वालों की भी कमी नहीं है