चक्रव्यूह

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दरवाजे की घंटी बजते ही सुरेखा का दिल जोरों से काँप गया कहीं फिर वही लोग तो नहीं ? डरते डरते उसने दरवाजा खोला, सामने पति को देख आश्वस्त हुई सुरेखा के फक्क पड़े चेहरे को देखकर सिद्धांत समझ गया कि कोई गंभीर बात हुई है उसने प्रश्न भरी निगाहों से पत्नी की तरफ देखा सुरेखा ने धीरे से कहा, ‘अंदर तो आइये, सब बताती हूँ