शिव बोल मेरी रसना घड़ी घड़ी (भाग-2)

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“ कौन है बे? किससे बातें कर रहा लालू? ““ दो लड़के आये हैं भैया. पूछ रहे महाराज हैं क्या?”“महाराज!!!!! कौन महाराज? जा कह दे यहां कोई महाराज नहीं रहते. ““अबे रुक लालू… क्या पूछ रहे, महाराज?”“हां भैया.”“जा कह दे, महाराज अभी ध्यान कर रहे.” साधु यानि सत्यम का दिमाग तुरन्त चलने लगा था. समझ गया कि उस दोपहर जरूर किसी ने उसे पीली धोती पहन के पानी लाते देखा है. लालू कुछ समझा, कुछ नहीं. हवेली के बचे-खुचे हिस्से की देख-रेख के लिये यहां रह रहे चौकीदार ’तिवारी’ ने गांव जाने के पहले अपने भतीजे को यहां बुलाया था