इस संसार में प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन को सफल बनाने के लिए सत्कार करता है। इस प्रकार के किए गए सत्कार ही उनके कर्तव्य-पालन को दर्शाता है। तथा इनका प्रकार पालन ही कर्तव्य-पालन कहलाता है। इससे हमारे जीवन में सच्चरित्र गुणों का समावेश होता है और हमारा जीवन सही मायनों में सार्थक सिद्ध होता है। मानव जाति का सबसे बड़ा धर्म उसके कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन करना होता है और उनका निर्वहन करते हुए प्रत्येक क्षण..