(१) कैसे कहूँ है बेहतर ,हिन्दुस्तां हमारा? कह रहे हो तुम ये , मैं भी करूँ ईशारा,सारे जहां से अच्छा , हिन्दुस्तां हमारा। ये ठीक भी बहुत है, एथलिट सारे जागे ,क्रिकेट में जीतते हैं, हर गेम में है आगे। अंतरिक्ष में उपग्रह प्रति मान फल रहें है,अरिदल पे नित दिन हीं वाण चल रहें हैं, विद्यालयों में बच्चे मिड मील भी पा रहें है,साइकिल भी मिलती है सब गुनगुना रहे हैं। हाँ ठीक कह रहे हो, कि फौजें हमारी,बेशक जीतती हैं, हैं दुश्मनों पे भारी। अब नेट मिल रहा है,बड़ा सस्ता बाजार में,फ्री है वाई-फाई , फ्री-सिम भी व्यवहार में। पर होने से नेट भी गरीबी मिटती कहीं?बीमारों से समाने