प्रिय यशी हाय ! कैसी हो ? हम लोग मेल से, मोबाइल से व वॉट्स एप से कितनी बातें करते रहते थे और हमारे बीच लंबा मौन बिछ गया. मैं जानती हूँ कि तुम मुझसे बहुत बहुत नाराज़ होगी और अचानक ये रजिस्टर्ड पत्र देखकर बहुत चौंक जाओगी और एक बात से और भी नाराज होगी कि हम संपर्क में नहीं थे इसलिए टीवी स्टार प्रत्युशा बनर्जी की आत्महत्या पर साथ साथ दुखी ना हो सके. ना छत के कोने में बैठकर अटकलें लगा सके कि उसने क्यों आत्महत्या की जबकि उसके बैंक में पिचत्तर लाख रुपया जमा थे. ये बात सही है उसका दोस्त बदमाश था तो उसे छोड़कर उसने जीने की हिम्मत क्यों नहीं की ?